४ पुष, जनकपुरधाम। हाल के समय में ई संकेत मिल रहल अछि जे निवेश योग्य पूंजी के कमी के समस्या धीरे-धीरे कम भ रहल अछि। लेकिन भविष्य म॑ ऋण विस्तार आरू आंतरिक ऋण के दबाव के कारण तरलता के चुनौती बनल छै।
जे बैंक पहिने राष्ट्र बैंक सं १०० रुपया तक के तरलता प्रबंधन के लेल स्थायी तरलता सुविधा (एसएलएफ) लैत छल। २९ मङ्सिर २०७९ कें आंकड़ा कें अनुसार बैंकक कें तरलता सुविधाक कें लेल राष्ट्र बैंक कें देय कें भुगतान लगभग ९ अरब ५९ करोड़ छै।
एहि मे स एसएलएलएफ १ अरब ८८.७ करोड़ आ रेपो ७ अरब ७ करोड़ टका अछि। जखन कि जून २०७९ क अंत मे राष्ट्र बैंक क संग तरलता प्रबंधन क लेल बैंक क देयता १ खरब ५८ अरब १० करोड़ छल। सबटा धनराशि क उपयोग बैंक एसएलएफ क माध्यम स केलक।